भारत के गौरवशाली भविष्य के निर्माता तुम भारत के गौरवशाली भविष्य के निर्माता तुम
आज भी सहसा झुक जाता शीश है ऐसा वो भविष्य निर्माता था। आज भी सहसा झुक जाता शीश है ऐसा वो भविष्य निर्माता था।
ये मत सोंचो कवि हैं हम तो, बस कविता कर सकते हैं ।। ये मत सोंचो कवि हैं हम तो, बस कविता कर सकते हैं ।।
कच्ची माटी में, बोऊँ सदगुण के बीज। कच्ची माटी में, बोऊँ सदगुण के बीज।
ज्ञान का जो प्रकाश भर जाए वही भविष्य निर्माता कहलाए ज्ञान का जो प्रकाश भर जाए वही भविष्य निर्माता कहलाए
आप स्वयं अपने भाग्य के लेखक हैं। आपने खुद अपनी दुनिया बनाई है। आप स्वयं अपने भाग्य के लेखक हैं। आपने खुद अपनी दुनिया बनाई है।